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Best 20 Akbar Allahabadi Sher Shayari || अकबर इलाहाबादी का मुशायरा


Akbar allahabadi best shayari


हेलो दोस्तो अगर आप शेरो शायरी और ग़ज़ल का शौक रखते है तो आज हम आपके लिए लेकर आये है मशहूर Akbar Allahabadi Sher Shayari के कुछ बेहतरीन और प्रशिद्ध  मुशायरा अगर आप भी अकबर अल्लाहाबादी के प्रंसक है तो उनके बारे में कुछ जानकारी आपको बता दे।

Akbar Allahabadi का जन्म 16 नवंबर 1846 को इलाहाबाद के पास बारा में हुआ था जिसे आज प्रयागराज के नाम से जाना जाता है इनके पिता का नाम सैयद तफ्फज़ुल हुसैन था जोकि एक समानित परिवार से ताल्लुक रखते थे
अकबर अल्लाहाबादी को बचपन से ही कबिता शेर वो शायरी का काफी शौक था जो आगे चलकर उन्हें एक महान काब्य कलाकार के नाम पर एक अलग ही पहचान दी और अकबर इलाहाबादी जी ने कुछ प्रशिद्ध किताबें भी लिखी थी जो कि पूरे विश्व मे प्रचलित थी ,

अक़बर इलाहाबादी के ह्यस्य कविता शेर शायरी को लोगो ने काफी प्यार दिया और उन्हें एक बड़ा कलाकार के रूप में पहचान मिली आज हम उन्ही की कुछ बेहतरीन और प्रशिद्ध Shayari Quotes और कविता आपके साथ शेयर करने जा रहे है ।

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अकबर इलाहाबादी शेर शायरी

Akbar allahabadi sher shayari


मौत आई इश्क़ में तो हमें नींद आ गई
निकली बदन से जान तो काँटा निकल गया


लेखक - अक़बर इलाहाबादी...... ✍️

Mout Aaye Ishq Main To Nind Aa Gye,
Nikali Badan Se Jaan To Kanta Nikal Gaya..



हंगामा है क्यूँ बरपा थोड़ी सी जो पी ली है
डाका तो नहीं मारा चोरी तो नहीं की है


लेखक - अक़बर इलाहाबादी...... ✍️

Hangama Hain Kyu Barpa Thodi Si Jo Pe le hai.
Daka To Nahi Mara Chori To Nahi Ke hai..



मज़हबी बहस मैंने की ही नहीं
फ़ालतू अक़्ल मुझ में थी ही नहीं

लखक - अक़बर इलाहाबादी...... ✍️


Majhabi Bahas Maine ke Hi Nahi,
Falatu Akal Mujh Main Thi Hi Nahi..


Akbar Allahabadi Shayari Gazal 

अकबर इलाहाबादी शेर शायरी


जवानी की दुआ लड़कों को ना-हक़ लोग देते हैं
यही लड़के मिटाते हैं जवानी को जवाँ हो कर

लेखक - अक़बर इलाहाबादी...... ✍️

Jawani Ki Duwa Ladko ko Na-Huq
Loog Dete Hain,
Yahi Ladke Mitate Hain Jawani Ko
JAWAN Hokar..



अगर मज़हब ख़लल-अंदाज़ है मुल्की मक़ासिद में
तो शैख़ ओ बरहमन पिन्हाँ रहें दैर ओ मसाजिद में

लेखक - अक़बर इलाहाबादी...... ✍️

Agar Majhab Khalal Andaaz Hai
Mulki Makshid Me,
To Shaikh O Barhaman Pinha Rahe,
Dair O Masjid Main...



मेरी ये बेचैनियाँ और उन का कहना नाज़ से
हँस के तुम से बोल तो लेते हैं और हम क्या करें

लेखक - अक़बर इलाहाबादी...... ✍️

Meri Ye Baichani Aur Uan ka kahana
Naaz se,
Has ke Tum se Bol To Late Hain Aur
Ham Kya Kare...



जान शायद फ़रिश्ते छोड़ भी दें
डॉक्टर फ़ीस को न छोड़ेंगे..


लेखक - अक़बर इलाहाबादी...... ✍️

Jaan Shayad Farishtye Chor Bhi De,
Doctor Fees Ko Na Chodange..


Akbar Allahabadi Sher Shayari Urdu Hindi 

Akbar allahabadi Gazal shayari


आह जो दिल से निकाली जाएगी
क्या समझते हो कि ख़ाली जाएगी
हम आह भी करते हैं तो हो जाते है बदनाम ,
वो कत्ल भी करते है तो , चर्चा तक नही होती


लेखक - अक़बर इलाहाबादी...... ✍️

Aah Jo DilSe Nikali Jayegi,
Kya Samajhte Ho Ki Khali Jayegi,
Ham Aah Bhi Karte Hai to Ho Jate Hai
Badnam,
Wo katal Bhi Karte Hai To Charcha Tak
Nahi Hoti...



इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद
अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता


लेखक - अक़बर इलाहाबादी...... ✍️

Ishq Najuk Mijaz Hai Behad,.
Akal Ka Bhoj Utha Nahi Sakta..



पैदा हुआ वकील तो शैतान ने कहा
लो आज हम भी साहिब-ए-औलाद हो गए


लेखक - अक़बर इलाहाबादी...... ✍️

Paida Hua wakeel To Ne Saitan Ne Kaha,
Lo Aaj Hum Bhi Sahib e Aualad Ho Gye..



धमका के बोसे लूँगा रुख़-ए-रश्क-ए-माह का
चंदा वसूल होता है साहब दबाव से


लेखक - अक़बर इलाहाबादी...... ✍️

Dhamka Ke Bose Lunga Rukh e Rashk e Mah Ka,
Chanda Wasool Hota Hai Shabh Dabab Se..



जब मैं कहता हूँ कि या अल्लाह मेरा हाल देख
हुक्म होता है कि अपना नामा-ए-आमाल देख


लेखक - अक़बर इलाहाबादी...... ✍️

Jab Me Kahata Hu Ki Ya Aalaah Mera Haal Dekh,
Hukm Hota Hain Ki Apna Nama E Aamaal Dekh..


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